काठमाण्डू, २ अखारः नेपालमे ३० वर्षसँ उपर ७२ प्रतिशत पुरुष आ ६७ प्रतिशत महिला यौन दुर्वलतासँ ग्रसित होएबाक तथ्य एकटा राष्ट्रिय सर्वेक्षणमार्फत सार्वजनिक कएल गेल अइछ।
स्वास्थ्य सेवा विभाग अन्तर्गत परिवार कल्याण महाशाखा आ एकीकृत विकास समाज नेपाल (सोलिड नेपाल)द्वारा आयोजित कार्यक्रममे ‘यौन दुर्वलतासम्बन्धी राष्ट्रिय सर्वेक्षण–२०२४’के नतीजा प्रस्तुत कएल गेल अइछ। जाहिमे विश्वमे महिलामे ४९ प्रतिशत आ पुरुषमे ४३ प्रतिशत यौन दुर्वलता देखल जाएत अइछ, नेपालमे ई दर आओरो बेसी रहल प्रमुख अनुसन्धानकर्ता डा खेमबहादुर कार्की जानकारी देलैन ।
डा कार्की अनुसार, यौन दुर्वलता ग्रसित ७२ प्रतिशत पुरुषमे पाँच प्रतिशतकेँ गम्भीर आ ३२ प्रतिशतकेँ सामान्य यौन दुर्वलता अइछ। ओ कहलैन जे यौन दुर्वलता ग्रसित ८४ प्रतिशत पुरुष सम्भोगसँ सन्तुष्टि प्राप्त नइँ क पबैत छैथ आ ९२ प्रतिशत महिला–पुरुषमे यौन इच्छा नै देखाइ छै।
अध्ययन अनुसार ९४ प्रतिशत यौन दुर्वलता ग्रसित महिलामे यौन उत्तेजना नै होइ छै, ८६ प्रतिशतमे याैनी सुखल रहै छै आ ६६ प्रतिशत महिला यौन सम्पर्क समय दरद अनुभव करैत छैथ। डा कार्की जानकारी देलैन जे ९० प्रतिशतसँ बेसी व्यक्तिमे यौन दुर्वलताक मुख्य कारण मनोवैज्ञानिक रहै छै — जइमे तनाव, चिन्ता, नैराश्यता आ दरद भरल घटनासँ उत्पन्न अवस्था सबसँ प्रमुख कारण अइछ। सर्वेक्षण अनुसार, मधेश प्रदेशमे ७३ प्रतिशत आ कर्णाली प्रदेशमे ७१ प्रतिशत पुरुष–महिलामे यौन दुर्वलता देखल गेल अइछ।
विकाससँ पछुआएल क्षेत्रमे यौन दुर्वलता अधिक होएबाक सम्भावना रहल डा कार्की अनुमान व्यक्त कएलैन। ओ कहलैन जे मानसिक तनाव, व्यस्त जीवनशैली, पति–पत्नी अलग-अलग रहबाक अवस्था, पारिवारिक द्वन्द्व, असन्तुलित काम–आराम, यौनाङ्ग सम्बन्धी संक्रमण, स्वास्थ्य समस्या आदिक सङे यौन दुर्वलता जोड़ल अइछ। ओ कहलैन जे मोटापन, मधुमेह, उच्च रक्तचाप सेहो यौन दुर्वलताक कारण बनैत अइछ। १८ वर्षसँ कम उम्रमे विआह कएनिहारमे यौन दुर्वलताक दर ६८ प्रतिशत आ २५ वर्षक बाद विआह करनिहारमे ई दर ६१ प्रतिशत देखल गेल छै।
फल–तरकारीके सेवन कएनिहारमे यौन दुर्वलताक दर ६५ प्रतिशत रहैत अइछ, बाकीमे ई दर ६८ प्रतिशत होइत अइछ। दैनिक ४०० ग्राम हरियर सागसब्जी वा फलफूल खेनिहारमे यौन दुर्वलता कम देखल गेल अइछ। अध्ययन देखबैत अइछ जे सुर्ती आ मदिरा सेवन कएनिहारमे यौन दुर्वलता बढ़ैत अइछ। लम्बे समयधैर सुर्ती सेवन करैबला ८० प्रतिशत व्यक्ति यौन दुर्वलतासँ ग्रसित छैथ।
मदिरा सेवन कएनिहारमे ६९ प्रतिशत आ सेवन नै कएनिहारमे ५९ प्रतिशत यौन दुर्वलता देखल गेल अइछ। ई सर्वेक्षण सोलिड नेपालद्वारा सातु प्रदेशक ३४ जिलामे ३,३८२ गोटे विआहित महिला आ पुरुषमे बितल अखारसँ पुस महिनाधैर कएल गेल छल।
राष्ट्रिय योजना आयोगक सदस्य डा आरपी विच्छा कहलैन, “ई अध्ययन यौन दुर्वलताकेँ राष्ट्रस्तरक समस्या रूपमे देखबैत अइछ, आब आयोग यौन दुर्वलता न्यूनीकरणसम्बन्धी नीति निर्माण करत।” त्रिवि चिकित्सा अध्ययन संस्थानक डीन डा मोहनराज शर्माक अनुसार, ई अध्ययन स्वास्थ्य क्षेत्र लेल चुनौती अइछ आ सरकारेकेँ यौन दुर्वलता न्यूनीकरण कार्यक्रम सञ्चालन करबाक आवश्यकता अइछ।
यौन दुर्वलता प्रजनन स्वास्थ्य आ मानसिक स्वास्थ्य दूनूमे असर करैत अइछ, तेँ विभाग यौन दुर्वलता सम्बन्धी कार्यक्रम समेटत से परिवार कल्याण महाशाखा निर्देशक डा विवेक कुमार लाल बतौलैन। डा कार्की सुझाव देलैन जे आमा समूह, उपभोक्ता समूह आ स्वास्थ्य समूहसभक नियमित कार्यक्रममे यौन दुर्वलता रोकथाम, नियन्त्रण आ जिमेवार यौन व्यवहारपर बातचित होए आ अस्पतालसभमे बहु–विशेषज्ञ सेवा क्लिनिक आ परामर्श केन्द्र स्थापना कएल जाए। रासस
प्रतिक्रिया