काठमाण्डू, ११ अखारः समाजवादी प्रेस सङ्गठन, नेपाल समाचार लेखनके आधारमे पत्रकारकेँ अदालतमे तानब, सामग्री हटेबाक लेल बाध्य करब आ पत्रकारके लेखनी रोकबाक प्रयास अभिव्यक्ति स्वतन्त्रताक खिलाफमे उठाएल गेल कदम रहल उल्लेख कएलक अइछ।
सङ्गठनक महासचिव रोहित दाहालक अनुसार दृष्टि न्यूज अनलाइनमे प्रकाशित एक समाचारसँ असन्तुष्ट भ विशेष अदालतमे ओइ सञ्चारमाध्यमक अध्यक्ष शम्भुलाल श्रेष्ठ, सम्पादक एमपी सुब्बा आ सम्बन्धित पत्रकारके अदालतमे हाजिर होबाक आदेश देलक अइछ। ओ कहलैन जे एहि घटनासँ स्पष्ट होइ छै जे नेपालके न्यायालय पत्रकारिता क्षेत्रके संदेह आ प्रतिशोधक दृष्टिसँ देखैत अइछ।
सङ्गठन कहलैन जे समाचारके सुधारब, परिमार्जन करब वा सम्पादन करब पत्रकारिताक मूल आत्मा छी, आ एहन स्वायत्त प्रक्रियामे अदालतक नियन्त्रण लोकतान्त्रिक प्रणालीसँ मेल नै खाइ छै। “समाचार लेखनके आधारमे पत्रकारकेँ अदालतमे तानब, सामग्री हटेबाक दबाब देब आ लेखन रोकेबाक प्रयास करब अभिव्यक्ति स्वतन्त्रताके कुठाराघात छी”, सङ्गठनक कहब छै।
समाजवादी प्रेस सङ्गठन, नेपाल अदालतक एहन आदेश प्रति गम्भीर असहमति प्रकट करैत प्रेस स्वतन्त्रता रक्षाक लेल सब सरोकारवाला निकाय आ आम नागरिकसँ ऐक्यबद्धता देखेबाक आह्वान कएलैन।
सङ्गठन कहलैन जे भ्रष्टाचार आ न्यायालयमे देखा रहल बेथितिपर सवाल उठेनाइ पत्रकारक कर्तव्य छी, आ ओकरा दण्डनीय मानब लोकतन्त्रविरोधी प्रयास छी। ओ स्पष्ट कएलैन जे एहिसँ प्रेस काउन्सिलक कार्यक्षेत्रक उल्लंघन होइत अइछ।
सङ्गठन वरिष्ठ पत्रकार शम्भुलाल श्रेष्ठ, सम्पादक एमपी सुब्बा आ संवाददातामे जारी अदालत उपस्थितिक आदेश तुरन्त फिर्ता लेबाक मांग सेहो कएलक। रासस
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