आशुतोष कर्ण
अपनासभ प्रायः सड़कपर चलैत छी, सवारी चढ़ैत छी, यात्रा करैत छी। कहियो काँटसँ भरल रस्ताके कारण दिक्क लागैत छै, कहियो चिकन सड़कके कारण गन्तव्य आसान भजाइत अछि, मुदा ओ सड़कसभ कोना बनैत छै? कोना संचालनमे आबैत छै आ कोना मरम्मत-सम्भार होइत छै? अइ बारेमे अपनासभ कमे रुचि राखैत छी। जँ राखबो करैत छियै तँ सड़के देखाबटी संरचना आ अपन सहजताक बारेमे मात्रे रुचि रहैत छै।
सड़कके सेहो अपने मर्म होइत छै। एकर सेहो भावना होइत छै आ ई सेहो हमर सम्बन्ध जकाँ हमर जीवन सरल आ सरस बनेबाक लेल सहयोग करैत अछि, ई भावनात्मक पक्ष हमसभ कम याद करैत छी। आ साँच कहू तँ हमहुँ आन लोक जकाँ सड़कके अर्थ आ समाजशास्त्रीय पक्षसँ अनभिज्ञ छलौँ।
पढ़ाइक हिसाबसँ सिविल इन्जिनियरिङ पढ़ल व्यक्ति हम। सब बातके ओइ दृष्टिकोणसँ देखलौँ, बुझलौँ आ परिभाषित सेहो कएलौँ। मुदा, जखन हम स्वयं सड़क आ ओकर प्रत्यक्ष काजसँ जुड़लौँ तखन हमर आँखि खुलल। हमर कार्य अनुभव आ आबक बुझाइसँ हमरा लागैत अछि; सड़क केवल पाथर, सिमेन्ट वा अलकतरा आ बालूक मिश्रण नहि, ई त’ मानव जीवनक धमनी अछि।
जेना कि अखन हम कार्यरत पूर्वी तराईक हृदयस्थल लहानमे अवस्थित सड़क डिभिजन अइ धमनीके संचालित करैत एतयके मात्र नहि, समग्र देशक आर्थिक, सामाजिक आ सांस्कृतिक विकासमे ऐतिहासिक भूमिका निभावैत आबि रहल अछि। एतय के सड़क सब मात्र भौगोलिक दूरी नइँ घटबैत अछि, लोकक बीचक भावनात्मक दूरी सेहो कम करैत अछि। ई किसानक उत्पादन बजार धरि पहुँचाबेत अछि, विद्यार् अछिे शिक्षा, रोगीके स्वास्थ्य सेवा आ व्यापारीके अर्थोपार्जन करबाक अवसरसँ जोड़ैत अछि।
सड़क डिभिजन लहान, सिराहा, सप्तरी आ उदयपुर जिलाक हजारौं किलोमीटर सड़क आ पुल सभक देखभाल क रहल अछि – जत सड़क खाली ‘विकास’ मात्र नइँ, जनताक जीवनयापनसँ सीधा जुड़ल परिवेश अछि। ताहि लेल सड़क बनेबाक मतलब गामके बजारसँ जोड़ब मात्र नइँ, एकटा बालिकाके विद्यालय पहुँचब आसान बनेनाइ अछि, एकटा रोगीके अस्पतालधरिक समय घटेनाइ अछि, किसानक बालीके बजारधरि अननाइ अछि। ताहि लेल, सड़क निर्माण अपनासभक लेल ठेक्का प्रक्रिया नइँ – ई तँ जनताक जीवन स्तरमे सुधार अनवाक परोपकारी कार्य अछि। अइ सोचसँ हम सब योजना बनवैत छी, साइटपर पहुँचैत छी, काज करैत छी। क रहल छी।
एम्हर नेपाल विविधतासँ भरल देश अछि। आन विविधता जकाँ भौगोलिक विविधता सेहो एतके एकटा महत्वपूर्ण विशेषता अछि। तराईमे बाढ़िसँ सड़क बहैत अछि, पहाड़मे भुस्खलन आ हिमालमे हिमपहिरोसँ। कतौ कमजोर माटिसँ टिकाउपन घटैत जाइत अछि, कतौ सीमावर्ती क्षेत्रक सुरक्षा चुनौती होइत अछि। आ विकासक सङे आएल शहरीकरणसँ ट्राफिक आ पूर्वाधारक मांग बढ़ैत अछि। ई सब समस्यामे एकेटा उपाय उपयोगी नइँ भ सकैत छै। ताहि लेल योजना बनबैत काल हमरासभ स्थानीय भूगोल, वातावरण, सामाजिक संरचना आ दीर्घकालीन लाभ देखि क भिन्न-भिन्न समाधान खोजैत छी आ खोजबाक सेहो चाही।
हमसभ सड़क सुरक्षा, वैकल्पिक राजमार्ग, पुल निर्माण, निर्वाचन क्षेत्रीय रणनीतिक सड़क, भुस्खलन-बाढ़ि नियन्त्रण जेहन क्षेत्रमे गुणात्मक प्रगति करबाक लेल तत्पर छी। ई सब योजना १६हम् पञ्चवर्षीय योजना आ दिगो विकास लक्ष्यक सङ प्रत्यक्ष रूपसँ जुड़ल अछि – सुशासन, सामाजिक न्याय, समावेशी गुणस्तरीय पूर्वाधार विकास आ अन्तर-आबद्धता।
बाढ़िक जोखिम रहल क्षेत्रमे सुदृढ रिटेनिङ वाल, पहाड़मे ड्रेनेज व्यवस्थापन, कमजोर माटिमे जियोटेक्निकल समाधान, आ सामुदायिक सहभागिता सुनिश्चित क संरचना सबके दीर्धकालिन बनेबामे लागल रहब अपनासभके महत्वपूर्ण कर्म आ धर्म अछि। आवधिक योजना, वार्षिक बजेट आ मध्यमकालीन खर्च संरचना (MTEF) हमर मार्गदर्शन अछि। सरकारक प्राथमिकता सेहो स्पष्ट अछि – पहिने शुरू भ चुकल योजना सबके पूर्णता देनाइ। अइ कारणसँ हम सब सेहो नव योजनासँ बेसी अधूरा परियोजनाके सबल रूपसँ सम्पन्न करबामे बेसी जोर देलौँ अछि। नव आवश्यकता, योजना आ काजक बात तँ छबे छै।
एकटा निर्वाचित जनप्रतिनिधि अपन क्षेत्र मे सड़क बनेबाक सपना किए देखैत छथि? ओ तँ जनप्रतिनिधिक नजरियाक बात भेल। मुदा, हम सब ओहि योजनाके जनप्रतिनिधिक निर्वाचन क्षेत्र वा कहू ओतके जनताक जीवनके सहज बनेबाक लेल सड़कक माध्यमसँ भरपूर प्रयास करब हमर जिम्मेवारी मानैत छी आ ओहि अनुरूप काज क रहल छी। जे स्थानीयक दैनिकीमे सहजता अनवाक मात्र नइँ, जनता आ जनप्रतिनिधि बीचक समन्वयकारी सम्बन्धमे सेहो दीर्घकालीन प्रभाव छोड़ैत अछि।
अखनक युग प्रविधिक युग अछि। डिजिटल युगमे कार्यालय चलेबाक शैली आ कार्यशैली सेहो बदलि रहल अछि। हमरासभ आब ई-टेन्डर प्रणाली मार्फत निष्पक्षता अनलौँ अछि। मोबाइल मोनिटरिङ, गुगल अर्थ, जीआईएस (GIS) आधारित रिपोर्टिङ जेहन उपायसँ काजके गति आ गुणस्तरमे सुधार आएल अछि। निरीक्षण टोली साइटसँ तुरन्त रिपोर्ट द सकैत अछि। हमरासभ अनलाइन शिकायत प्रणाली, वेबसाइट अपडेट, सार्वजनिक सुनुवाइ मार्फत जनताक विश्वास आ सहभागिता बढ़ेने अछि।
आन काज जकाँ एहि काजमे सेहो कठिनाइ कम तँ नइँ अछि। वास्तविकता ई छै जे – सड़क बनेबाक क्रममे हमरासभ सब सदिखन सहज परिस्थितिमे नइँ रहैत छी। मौसम प्रतिकूल होइत छै, बजेटक कमी रहैत छै, निर्माण सामग्रीक अभाव होइत छै, मानव संसाधन अपर्याप्त होइत छै। संगहि ठेक्कापट्टा व्यवस्थापन, जनअपेक्षा आ कार्यप्रगति संतुलन मिलेनाइ पैघ चुनौती अछि। सड़क सीमा अतिक्रमण, कानूनी जटिलता आ निजी क्षेत्रक क्षमतामे सेहो सुधार आवश्यक अछि। मुदा हमरासभ ई चुनौती सबके शिकायत नइँ, सुधारके अवसर जँका देखैत छी। स्थानीय सरकार, जनप्रतिनिधि, नागरिक समाज सङ सहकार्य क क बहुत रास समस्या हल भेल अछि। सड़क सीमा विवादमे संवाद, बजेट समस्यामे समयमे रकमान्तर तथा अनुगमन प्रणाली सुदृढीकरण जेहन उपाय सफल भेल अछि।
सड़क निर्माणके सबसँ बेसी शक्ति स्थानीय समुदायक लग छै । जखन योजना बनबैत काल जनप्रतिनिधि आ स्थानीयवासी शामिल होइत छथि, तँ निर्माण मात्र नइँ, मरम्मत-सम्भारक जिम्मेवारी सेहो सामूहिक बनैत अछि। हमसभ स्थानीय जनशक्तिक प्रयोग आ सीप विकासमे सेहो जोर द रहल छी। अइसँ रोजगार सृजना मात्र नइँ, गौरव आ अपनत्वक भावना सेहो जन्म लैत अछि। आ तखन सब कियो सहर्ष कहएके अवस्थामे आबैत अछि – हमर सड़क।
हमरा लागैत छै जे, सड़क निर्माण केवल भौतिक संरचना निर्माण मात्र नइँ, ई समग्र देश निर्माणक आधारशिला अछि। सड़कके केवल ईंटा, ढलान आ कालोपत्रक दृष्टिकोणसँ मात्र नइँ, सामाजिक, आर्थिक आ राजनीतिक रूपान्तरणक संवाहकक रूपमे सेहो बुझबाक चाही।
डिभिजन प्रमुखक दृष्टिकोणसँ देखलापर हम कहि सकैत छी – सड़क बनेनाइ मतलब खाली संरचना ठाढ़ करब नइँ, देश बनेनाइ छियै। आइ हमरासभ सीमित स्रोत-साधनमे काज क रहल छी, मुदा पारदर्शिता, जवाफदेहिता आ सेवामूलक भावना अछि हमरासभ लग। हमसभ सड़क डिभिजन लहानसँ इएह संदेश देब चाहैत छी कि – पूर्वाधार विकासक मतलब केवल ढलान आ कालोपत्र नइँ, समृद्धिक बाट तकबाक लेल बहुत दीर्घकालीन आ महत्वपूर्ण कार्य अछि।
आ, हम गर्वसँ कहि सकैत छी – हमसभ ओहि बाटपर छी जे काल्हिसँ आइ नीक बनबैत, आइसँ काल्हि आओर उत्तरदायी होइत, सड़क विकास नइँ, विश्वासक यात्रा अछि। जन-जीवन, भावना आ अर्थोपार्जनक बहुत महत्वपूर्ण आधार अछि। समग्रमे सड़क सामाजिक गतिशीलताक रीढ़ अछि।
(लेखक कर्ण पेशासँ इन्जिनियर छथि। हाल ओ सड़क डिभिजन लहानमे डिभिजन प्रमुखक रूपमे कार्यरत छथि।)
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