काठमाण्डू, २ अखारः राष्ट्रपति चुरे–तराई मधेश संरक्षण विकास समिति स्थापनाक अवसरमे आइ एघारम चुरे संरक्षण दिवस मनाएल जा रहल अइछ । मुख्य कार्यक्रम नवलपरासीक कावासोतीमे राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेलक उपस्थितिमे आयोजित कएल जेबाक समितिके कार्यक्रम कार्यान्वयन इकाई चितवनक प्रमुख प्रकाश नेपाल जानकारी देलक अइछ।
समिति वि.सं. २०७१ अखार २ गते चुरेक प्राकृतिक स्रोतक संरक्षण, दीर्घकालिन व्यवस्थापन आ पारिस्थितिकीय सेवामे सम्बर्द्धन मार्फत गरीबी न्यूनीकरणमे सहयोग देबाक उद्देश्यसँ स्थापना कएल गेल छल । स्थापनासँ एखनधैर समिति एक हजार ४५९ स्थानपर गल्छी, भुस्खलन आ खहरे नियन्त्रण कएल गेल अइछ, १६६ हेक्टर परती कृषि भूमिमे बहुवर्षीय बाली विस्तार कएल गेल अइछ ।
ओहि तरहें पाँच हजार २३० हेक्टर क्षेत्रमे हरियाली प्रवर्द्धन कार्यक्रम, दू करोड़ ९३ लाख ४९ हजार गाछीक उत्पादन आ वितरण कएल गेल अइछ । नदी-खोला किनारपर ४१२ किलोमिटर तटबन्ध निर्माण, १६२ हेक्टर हरित पेटिके निर्माण, १३९ सिमसार/ताल-तलैयाक संरक्षण आ पुन:र्निर्माण, ६२८ वर्षात्क पाइन संग्रह पोखरी निर्माण तथा ५४८ गोटे पाइनक मुहानक संरक्षण कएल गेल अइछ । समितिक स्थापनासँ अबधिमे चुरे संरक्षण नाममे करिब १५ अरब टका खर्च भ चुकल अइछ ।
आर्थिक वर्ष २०८०/८१धैर समितिद्वारा कुल १४ अरब ९६ करोड़ खर्च कएल गेल अइछ । समितिक अनुसार वित्तीय प्रगतिसभ ८८.९३ प्रतिशत तथा भौतिक प्रगतिसभ ९१.८४ प्रतिशत रहल अइछ । मासिक तलब सुविधा प्राप्त छ पदाधिकारीसहित १२४ गोटे कर्मचारीक दरबन्दीमे हाल ८६ गोटेक पदपूर्ति भेल अइछ । ललितपुरमे केन्द्रीय कार्यालयक स्थापना क समिति देशभैर सलकपुर, जनकपुर, चितवन, बुटवल आ लम्कीमे कार्यक्रम कार्यान्वयन इकाई स्थापिक क काज क रहल अइछ । चुरे क्षेत्र सातुटा प्रदेशक ३७ जिला आ ३२५ स्थानीय तहमे फैलल अइछ । नरम भूवनोट, जनसंख्या बसाइसराइ, जलवायुजन्य जोखिम आ आइगलागि आदिक कारण चुरेक विनाशक दर पछिला समयमे तीव्र भेल अइछ।रासस
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