डा.सूर्य प्रसाद यादव
भाषावविद्
बिचार: ओली सरकारद्वारा लाबल गेल विधेयक कऽ लके जसपा अक्ष्यक उपेन्द्र यादवक भूमिकापर किछ दिन स चौक चौरहा आ सामाजिक संजालपर बहुतरास टिकाटिप्पणी भरहल छै । ओना अपन नेता गलत कर जारहल छै महशुस भेलापर हुनकर विरोध आ हुनका सचेत करेनाई आम जनताके अधिकारक विषय अछि।
मुदा हम एकटा बात नइ बुइझ सैकरहल छी, कि मधेशक अधिकार कऽ बात उठेनाइ खाली उपेन्द्र यादवक जिम्मा मात्रे छै त? आउर सांसदसब जे मधेशक भोट लक जसपा बाहेकक पार्टीमे छै हुनकासबक दायित्व नइ बनै छै त ? कि हुनकासबक लेल इ विधेयक ठिक छै त ? यदि गलत छै त हुनकासब कऽ इ विषयपर बोल परलै कि नइ । खाली मधेश कऽ भोट मात्रे चाही । एकर अर्थ हम उपेन्द्रजीक बचाउ कर चाहैछी से नइ य मुदा इ विधेयक यदि मधेशक हितमे नइ छै त मधेश कऽ भोट स बनल सांसद कोनो पार्टीमे छै त उसब इ विधेयक कऽ बिरूद्ध अवाज उठाब परलै । नइ त सबहक बिरोध होबाक चाही उपेन्द्र यादव कऽ बिरोध मात्र कियाक । हमर विचारमे इ आम चासो क विषय बनैक चाही।
नेपाल के राष्ट्रिय हित कऽ दुहाई दकऽ प्रजातान्त्रिक और बामपंथी गठजोड कैरकै दुई दलिय व्यवस्थातर्फ देशके धकैलकऽ प्रयास जारी कऽ राख्ने छै। मुदा नागरिक चुपचाप दुई दलकऽ मनपरि सैह रहलछै।
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